शिवपुरी कलेक्टर ऑफिस में आग के पीछे बड़ी साजिश, दिखे दो संदिग्ध
शिवपुरी, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में घटित एक घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। शनिवार को शिवपुरी कलेक्टर कार्यालय में लगी आग लगी नहीं थी बल्कि लगाई गई थी। इसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। अब इस मामले के तार 2208 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ रहे हैं। कथित तौर पर आग लोअर सिंचाई प्रोजेक्ट के मुआवजा घोटाले की फाइलों में लगी है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर कार्यालय की नाजिर शाखा में जो अग्निकांड हुआ है, उस शाखा में पिछोर क्षेत्र के लोअर सिंचाई प्रोजेक्ट के मुआवजा घोटाले की कई फाइलें रखी हुई थी।
2208 करोड़ के घोटाले की फाइलें जलीं?
सूत्रों ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय की नाजिर शाखा में 2208 करोड़ की लोअर उर बांध सिंचाई प्रोजेक्ट और अन्य प्रोजेक्ट के भू-अर्जन का रिकॉर्ड रखा हुआ था। अब इस अग्रिकांड के बाद यह रिकॉर्ड जला है। हालांकि दूसरी ओर कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया है कि विभिन्न शाखाओं की ज्यादातर फाइलें सुरक्षित हैं लेकिन फिर भी इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। कलेक्टर ने बताया है कि अपर कलेक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला को मजिस्ट्रियिल जांच के निर्देश गए हैं।
पिछोर में 2208 करोड़ रुपए की योजना
शिवपुरी जिले के पिछोर में लोअर उर बांध सिंचाई प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है, यह 2208 करोड़ रुपए यह प्रोजेक्ट है, जिसमें भू-अर्जन सहित अन्य कार्य हुए हैं। बताया जा रहा है कि कलेक्टर कार्यालय की नाजिर शाखा में जो अग्निकांड हुआ है, उसमें भू-अर्जन वाले खातों में मुआवजा राशि जारी हुई है। इन मुआवजा राशि की कई फाइलें इस नाजिर शाखा में रखी हुई थी। अग्निकांड में उन फाइलों के जलने की आशंका है। फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया है लेकिन ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है कि इस मुआवजा घोटाले की कई फाइनलें जलकर खाक हो गई है।
साभार- नभाटा