Publish Date:01-Sep-2015 18:58:54
सिन्हलीज स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर तीसरे टेस्ट के चौथे दिन 386 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए श्रीलंका ने 3 विकेट के नुकसान पर 67 रन बना लिये हैं.
इससे पहले पुछल्ले बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से भारत ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के चौथे दिन चाय के विश्राम तक आठ विकेट पर 234 रन बनाकर अपनी कुल बढ़त 345 रन पर पहुंचा दी. भारत ने अपने चोटी के चार बल्लेबाज 64 रन पर गंवा दिये थे लेकिन इसके बाद रोहित शर्मा (50), स्टुअर्ट बिन्नी (49), नमन ओझा (35), अमित मिश्रा (39) और रविचंद्रन अश्विन (नाबाद 27) ने श्रीलंकाई गेंदबाजों को शुरूआती सफलता का लाभ नहीं उठाने दिया.
श्रीलंका के गेंदबाजों ने तीसरे दिन के आखिरी क्षणों में तीन विकेट निकालकर और सोमवार की सुबह कप्तान विराट कोहली को जल्दी पवेलियन भेजकर मैच को रोमांचक बना दिया था लेकिन इसके उनकी पकड़ मैच पर कमजोर होने लगी. भारत ने सुबह तीन विकेट पर 21 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी और इसके बाद कुछ उपयोगी साझेदारियों से उसने मैच पर अपनी पकड़ मजबूत बनायी. रोहित और कोहली ने सुबह सहजता से बल्लेबाजी की. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिये 57 रन की साझेदारी की.
श्रीलंकाई गेंदबाजों ने कोहली को लगातार आफ स्टंप से बाहर गेंदबाजी करके ललचाने की कोशिश की. भारतीय कप्तान आखिर में उनके झांसे में आ गये और नुवान प्रदीप की गेंद पर पहली स्लिप में कैच दे बैठे. नये बल्लेबाज बिन्नी ने तेजी से रन बनाने को तरजीह दी. रोहित ने उनके साथ भी अर्धशतकीय (50) साझेदारी निभायी. इन दोनों ने गेंद को नियमित रूप से सीमा रेखा के पार भेजा जिससे भारत की बढ़त तेजी से बढ़ने लगी. रोहित ने हालांकि अर्धशतक पूरा करने के बाद लंच से ठीक पहले अपना विकेट इनाम में दिया. धम्मिका प्रसाद की गेंद पर उनका पुल मिडविकेट पर कैच कर लिया गया.
लंच के समय भारत का स्कोर पांच विकेट पर 132 रन था. बिन्नी और ओझा ने इसके बाद भी छठे विकेट के लिये 42 रन जोड़कर श्रीलंका की परेशानी और बढ़ा दी जबकि बाद में मिश्रा और अश्विन ने आठवें विकेट के लिये 55 रन की साझेदारी करके भारत को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचाया.
धम्मिका प्रसाद और नुवान प्रदीप ने अब तक तीन तीन विकेट लिये हैं लेकिन वे रनों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे.
बिन्नी जब 25 रन पर थे तब कुशाल परेरा ने रंगना हेराथ की गेंद पर उन्हें स्टंप आउट करने का आसान मौका गंवाया. वह तेजी से अर्धशतक की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन केवल एक रन से अपना दूसरा पचासा पूरा नहीं कर पाये. प्रसाद की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में उपुल थरांगा के हाथों में चली गयी.
प्रसाद को अगले ओवर में मिश्रा का विकेट भी मिल जाता लेकिन सब्सिट्यूट क्षेत्ररक्षक मुबारक ने उनका कैच छोड़ दिया. ओझा ने इसके बाद हेराथ की गेंद पर बड़ा शाट खेलने के प्रयास में कैच थमाया. अश्विन और मिश्रा ने शुरू में थोड़ा सतर्कता बरती लेकिन बाद में उन्होंने भी खुलकर बल्लेबाजी की. मिश्रा चाय के विश्राम से ठीक पहले तेजी से रन लेने के प्रयास में रन आउट हुए.