पाकिस्तान से गोली चले, तो जवाब में गोलियों की गिनती मत करना: राजनाथ
Publish Date:Sun-Aug-2015 18:02:57
लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने लखनऊ दौरे के दौरान पाकिस्तान पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री बनने के बाद हमने सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों से स्पष्ट कहा है कि अपनी तरफ से पहल मत करना, मगर उधर से गोली चलती है तो फिर जवाब देने में गोली की ‘काउन्टिग’ भी न करना और इसका असर भी हुआ है।
राजनाथ ने कहा, आतंकवाद एक बहुत बड़ी चुनौती है, मगर जहां तक मैं समझता हूं यह चुनौती केवल भारत के सामने ही नहीं, बल्कि यह प्रश्न पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने है। हम आतंकवाद पर काबू पाने में कामयाब नहीं हो पाए है। मैं पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बारे में बात कर रहा हूं। हम तो अपने पड़ोसी से परेशान हैं।
सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ही नहीं, बल्कि हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पड़ोसी देशों के साथ मधुर संबंधों की जरूरत पर बल देते रहे हैं। हमने सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में सभी पड़ोसी देशों के प्रधानमंत्रियों एवं राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करके अपना इरादा जाहिर कर दिया था। उनके मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा बार-बार युद्ध विराम का उल्लंघन किया जाना चिंता का विषय है, मगर सीमा पर तैनात हमारे नौजवान और सुरक्षाकर्मी उसका पूरी ताकत से जवाब दे रहे है।
पाक के खिलाफ सब सरकार के साथ, 'डर कर भाग गया पाकिस्तान'
एनएसए स्तर की वार्ता रद्द करने पर लगभग सभी दलों ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। अंदरूनी सियासत को दरकिनार कर सियासी दलों ने एक सुर में आतंकवाद पर ढुलमुल रवैए के कारण पाकिस्तान की जमकर खबर ली है।
एनडीए की घटक दल शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि डर के मारे पाकिस्तान भाग गया है। वहीं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि पाकिस्तान का एनएसए स्तर की वार्ता को रद्द करना पूर्णतया दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मुंबई आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ जब तब कोई संतोषजनक निष्कर्ष न निकले तब तक पाकिस्तान के साथ एनएसए स्तर की बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पाकिस्तान स्पष्ट तौर पर आतंकवाद पर वार्ता से बचने के तरीके अपना रहा है। वे आतंकवाद पर वार्ता को लेकर डरे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुद्दे से भटकाने के लिए जाना जाता है। वह अक्सर भारत को उकसाता और चिढ़ाता है, फिर तनावपूर्ण स्थिति पैदा करता है।
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान को इस बात का जरा भी इल्म नहीं है कि आतंकवाद किस तरह से उसके अपने ही देश को खोखला कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे न ही भारत में बात कर सकते हैं और न ही पाकिस्तान में। उनको कोई तीसरा देश चुनना चाहिए, जहां पर दोनों बातचीत कर सकें। अन्यथा उनको नहीं लगता कि दोनों देशों के बीच कभी इस मामले में सफलता मिलेगी।