17-Jun-2024

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नाबालिग के पिता समेत छह आरोपी 7 जून तक न्यायिक हिरासत में, पुलिस ने एफआईआर में जोड़ी नई धाराएं

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पुणे की एक विशेष अदालत ने कार दुर्घटना मामले में छह आरोपियों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हिरासत में भेजे गए लोगों में आरोपी नाबालिग के पिता भी हैं। पुणे पुलिस ने इस मामले की एफआईआर में आरोपी के पिता, बार के मालिक और मैनेजर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और महाराष्ट्र प्रतिबंधित कानून की धारा 65 (ई) और 18 को भी जोड़ दिया है। इस मामले में पुलिस जांच पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि नाबालिग आरोपी के खिलाफ खून की रिपोर्ट के अलावा और भी कई सबूत हैं। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक की जांच में ये बात भी निकलकर सामने आ रही है कि आरोपी के पिता ने इस दुर्घटना के बाद अपने बेटे की जगह ड्राइवर बदलने की कोशिश की थी।

हमारे पास सीसीटीवी फुटेज
पुणे सीपी अमितेश कुमार ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, 'हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं, जिसमें नाबालिग शराब पीता हुआ दिख रहा है। मैं यह कहना चाहता हूं कि इस मामले में हमारे पास सिर्फ रक्त रिपोर्ट ही नहीं बल्कि और भी कई सबूत हैं। नाबालिग अपने होश में था। ऐसा नहीं था कि वह लोग इतने नशे में थे कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि उनके आचरण के कारण धारा 304 कैब जैसी घटना हो सकती है। थाने में पिज्जा पार्टी के मामले में कोई सबूत नहीं है।' 
ड्राइवर के बयान की हो रही जांच
कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि यह सच है कि शुरुआत में ड्राइवर ने कहा था कि वह कार चला रहा है। हम जांच कर रहे हैं कि ड्राइवर ने यह बयान किसके दबाव में दिया था। उस दौरान ड्राइवर बदलने का प्रयास भी किया गया। हम इसकी भी जांच कर रहे हैं। पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन खबरों का भी खंडन किया जिसके तहत कहा जा रहा है कि कार को ड्राइवर चला रहा था।'
वयस्क जैसा व्यवहार करने का आग्रह
उन्होंने कहा, 'घटना के बाद प्रथम दृष्टया 304 ए मामला दर्ज किया गया था। बाद में धारा 304 जोड़ी गई। उसी दिन हमने उसे किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया और उनसे इसे जघन्य अपराध मानने और आरोपी के साथ वयस्क जैसा व्यवहार करने का आग्रह किया। जब तक एक वयस्क पर विचार करने का आदेश पारित नहीं हो जाता, हम आरोपी को रिमांड निरीक्षण गृह में रखना चाहते थे। हमारे दोनों आवेदन उसी दिन खारिज कर दिए गए थे। किशोर न्याय अधिनियम के तहत, हमने उसके माता-पिता और पब मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया।'
साभार- अमर उजाला
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