नई दिल्ली. इन दिनों इनकम टैक्स रिटर्न भरने का मौसम चल रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. रिटर्न भरते समय, टैक्सपेयर कई तरह के क्लेम दिखाकर टैक्स देनदारी को कम कर सकता है. इनकम टैक्स एक्ट-1961 के अनुसार, कई सेक्शन के तहत सेविंग दिखाकर टैक्स बचाया जा सकता है. मुख्य तौर पर 80सी, 80डी, 80ईई, सेक्शन 24, सेक्शन 80ईईबी, 80जी, 80जीजी, 80टीटीए इत्यादी के तहत टैक्स बचाने के विकल्प उपलब्ध हैं. आज हम आपको केवल 80 डी के तहत एक ऐसी छूट के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसका इस्तेमाल लोग बहुत कम करते हैं. दरअसल, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं होती है.
80डी के तहत, टैक्सपेयर्स को खुद और अपने परिवार के लिए भुगतान किए गए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए डिडक्शन का दावा करने की अनुमति है. मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए डिडक्शन के अलावा, यह सेक्शन रोकथाम स्वास्थ्य जांच (प्रीवेंटिव हेल्थ चेकअप) के लिए किए गए खर्चों पर भी डिडक्शन पाने की छूट देती है.
प्रीवेंटिव हेल्थ चेकअप में बीमारियों के शुरुआती पता लगाने और व्यक्ति के हेल्थ स्टेटस की निगरानी करने के लिए मेडिकल टेस्ट और अन्य जांचें शामिल होती हैं. ऐसी जांचें हेल्थ रिस्क की जल्दी या शुरुआत में ही पहचान करने में मदद करती हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सकता है.
कैसे और कितनी मिलती है टैक्स छूट
टैक्स2विन के अनुसार, यदि आपने अपने स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए भी हेल्थ चेकअप के लिए पैसा चुकाया है तो आप इस छूट के हकदार होंगे. एक व्यक्तिगत टैक्सपेयर 5,000 रुपये तक के चेकअप पर टैक्स छूट क्लेम कर सकता है. वह अपने साथ-साथ, अपनी पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स पर किए गए चेकअप के खर्च को भी शामिल कर सकता है.
यदि आपकी आयु 60 साल से कम है और आपके पास 20,000 रुपये सालाना के प्रीमियम वाला बीमा है तो आप इसका लाभ ले सकते हैं. यदि आपके हेल्थ इंश्योरेंस की सालाना किस्त 25,000 रुपये या उससे ऊपर है तो फिर चेकअप के खर्च पर अलग से छूट प्राप्त नहीं होगी.
बता दें कि 80डी के तहत डिडक्शन की ओवरऑल लिमिट में ही इस खर्च को भी शामिल किया जा सकता है. 60 साल के कम के लोगों के लिए ओवरऑल लिमिट 25,000 रुपये है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है.
साभार- न्यूूज 18