26-Apr-2024

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भारत नहीं आएंगे सरताज, पाकिस्तान ने रद्द की एनएसए वार्ता

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इस्लामाबाद/नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की महत्वपूर्ण बातचीत में पड़ोसी देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज रविवार को भारत नहीं आ रहे हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार रात को प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी। इसके साथ ही एनएसए स्तर की वार्ता लगभग रद्द मानी जा रही है। उनके नहीं आने का फैसला नवाज शरीफ सरकार ने लिया है।

इससे पहले, भारत ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि यदि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को उठाने तथा हुर्रियत नेताओं से मिलने की बात पर अड़ा रहता है तो दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की बातचीत नहीं हो सकती। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) यदि बातचीत का दायरा आतंकवाद तक ही सीमित रखने और हुर्रियत को इसमें पक्षकार नहीं बनाने का आश्वासन देते हैं तो उनका बातचीत के लिए यहां स्वागत है।

विदेश मंत्री ने कहा, यदि ऎसा आश्वासन नहीं मिलता है और वह कश्मीर मुद्दा उठाने तथा हुर्रियत को बीच में लाने की बात करते हैं तो बातचीत नहीं हो सकती। भारत ने पाकिस्तान को रात 12 बजे तक का समय दिया है।

इससे पहले, अजीज ने इस्लामाबाद में अपने संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान का यह रूख दोहराया था कि एनएसए स्तर की वातचीत में आतंकवाद के अलावा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा रहना जरूरी है। साथ ही उन्होंने हुर्रियत नेताओं से मिलने का अपना इरादा भी दोहराया था।

स्वराज ने कहा कि वास्तव में पाकिस्तान एनएसए स्तर की बातचीत चाहता ही नहीं है और इसीलिए वह बहाने बना रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऊफा में जो सहमति बनी थी उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि एनएसए स्तर की बातचीत में केवल आतंकवाद और उससे जुड़े मुद्दों पर ही बातचीत होगी। लेकिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के ऊफा से लौटने से पहले ही उनके देश में उनकी तीखी आलोचना शुरू हो गई और इसे देखते हुए उन्होंने मन बना लिया कि ऎसा कुछ किया जाना चाहिए जिससे एनएसए स्तर की बातचीत होने ही न पाए।

विदेश मंत्री ने कहा कि ऊफा के बाद से सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं और आतंकी हमलों के कारण हमारी सरकार पर भी देश के भीतर से दबाव था कि पाकिस्तान के साथ यह बातचीत नहीं की जानी चाहिए, लेकिन हम विभिन्न राजनीतिक दलों के दबाव को दरकिनार करके आगे बढ़े। सरकार का मानना है कि इसमें आतंकवाद पर बात होनी है इसलिए रद्द नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने पाकिस्तान के इस आरोप को गलत बताया कि भारत इस बातचीत से भाग रहा है। भारत भागना नहीं चाहता बल्कि वह ऎसा माहौल बनाना चाहता है जिससे समग्र वार्ता फिर से शुरू हो सके। समग्र वार्ता में ही जम्मू -कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों पर बात हो सकती है। लेकिन यह तभी होगा जब पहले आतंकवाद और हिंसा खत्म हो जाए।

वहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने शनिवार को कहा कि भारत ने दोनों देशों के बीच प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की महत्वपूर्ण बातचीत परोक्ष तौर पर रद्द कर दी है, लेकिन वह अभी भी बैठक के लिए नई दिल्ली जाने को तैयार हैं। उन्होंने भारत से यह स्पष्ट करने की भी अपील की है कि बैठक आधिकारिक तौर पर रद्द है या नहीं।

दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच नई दिल्ली में सोमवार को बैठक होनी है, लेकिन कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के साथ अजीज की प्रस्तावित मुलाकात के कारण एनएसए वार्ता पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।

अजीज ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं इस बात से निराश हूं कि भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच 24 अगस्त को होने वाली पहली आधिकारिक वार्ता को परोक्ष तौर पर रद्द कर दिया।" उन्होंने हालांकि कहा कि भारत सरकार ने वार्ता रद्द करने को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी है।

नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने एनएसए वार्ता से ठीक पहले जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को अजीज से मुलाकात के लिए दिल्ली आमंत्रित किया है, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा था कि नई दिल्ली ने पाकिस्तान को कश्मीरी नेताओं के साथ बैठक नहीं करने की सलाह दी थी, लेकिन इस्लामाबाद ने उसे खारिज कर दिया। पाकिस्तान ने कश्मीरी अलगावादी नेताओं के साथ बैठक पर अडिग रहते हुए कहा है कि भारत के साथ वार्ता से पहले पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी नेताओं के साथ परामर्श की परंपरा रही है।

भारतीय मीडिया में यह खबर आई कि वरिष्ठ कश्मीरी नेता शब्बीर शाह को शनिवार को उस वक्त हवाईअaे पर हिरासत में ले लिया गया, जब वह अजीज से मिलने के लिए विमान से नई दिल्ली पहुंचे।

अजीज ने शाह की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहा कि यह शाह के मौलिक अधिकारों का हनन है और इस घटना से वह चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की धरती पर भारतीय गुप्तचर एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की गतिविधियों के बारे में यहां तीन दस्तावेज तैयार किए गए हैं।

अजीज ने कहा कि वह ये दस्तावेज अपने साथ लेकर भारत जाएंगे और उन्होंने आशा जताई कि 24 अगस्त को भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ मुलाकात के दौरान इन दस्तावेजों को उन्हें सौंपेंगे।

उन्होंने कहा, "यदि नई दिल्ली में डोभाल को दस्तावेज सौंपने का मौका नहीं मिलता है, तो मैं आशा करता हूं कि अगले महीने यदि वह (भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के साथ न्यूयार्क आते हैं, तो वहां उन्हें ये दस्तावेज सौंपेंगे।"" अजीज ने कहा कि वे इन दस्तावेजों को संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी सौंपेंगे।

अजीज ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री अपनी शर्तो पर संबंध सामान्य करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारी तरफ से वार्ता रद्द किए जाने की पुष्टि नहीं है... हम प्रस्तावित वार्ता के लिए जाने को तैयार हैं।

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