Publish Date:17-Jul-2023 21:05:02
वनमण्डल अधिकारी पालपुर कूनो ( वन्य प्राणी ) श्योपुर प्रकाश कुमार वर्मा को भी हटाया
राजकाज न्यूज, भोपाल
मध्य प्रदेश में कूनों में चीतों की मौत को लेकर राज्य सरकार ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) जसबीर सिंह चौहान को हटा दिया है। सोमवार को वन विभाग की ओर से जारी आदेश में 1988 बैच के असीम श्रीवास्तव को नया पीसीसीएफ (वन्यप्राणी) पदस्थ किया गया है। भारतीय वन सेवा के 1987 बैच के अधिकारी जसबीर सिंह चौहान को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) मुख्यालय पदस्थ किया गया है। शासन ने वनमण्डल अधिकारी पालपुर कूनो ( वन्य प्राणी ) श्योपुर प्रकाश कुमार वर्मा को भी हटा दिया है।
एमपी के कूनो में नामीबिया से लाए गए चीतों की लगातार मौत होने की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सख्ती की है। मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश पर जसवीर सिंह चौहान को प्रधान मुख्य वन संरक्षक वाइल्डलाइफ के पद से हटा दिया गया है।
वन विभाग ने वनमण्डल अधिकारी पालपुर कूनो ( वन्य प्राणी ) श्योपुर प्रकाश कुमार वर्मा को संचालक पेंच टाईगर रिजर्व, सिवनी एवं रजनीश कुमार सिंह उप संचालक पेंच टाईगर रिजर्व सिवनी को वनमण्डल अधिकारी, पालपुर कूनो ( वन्य प्राणी ) वनमण्डल श्योपुर पदस्थ किया गया है।
बता दें कूनो नेशनल पार्क में पिछले चार महीने में आठ चीतों की मौत हो चुकी है। इसमें पांच चीते और तीन शावक शामिल है। अब कूनो नेशनल पार्क में 15 चीते और एक शावक बचा है। इससे पहले केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीते की मौत पर कहा था कि इंटरनेशनल विशेषज्ञों की टीम कूनो में जांच करेंगी। चीतों को कूनो से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
बीते 25 मई को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई थी। इसी साल के मार्च महीने से अब तक कूनो पार्क में छह चीतों की मौत हो चुकी है। अब वहां चीतों की संख्या घटकर 17 रह गई है। शावक भी एक ही बचा है और उसकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है। एमपी के पीसीसीएफ (वन्य प्राणी) चौहान ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कुछ चीतों को दूसरी उपयुक्त जगह पर शिफ्ट करने को पत्र लिखा था। उन्होंने बताया था कि एक्शन प्लान के अनुसार कूनो में 20 से 25 चीते रह सकते हैं। कूनो में दो चीतों की मौत के बाद 22 चीते हैं। यदि कोई दूसरी मादा चीते बच्चे देती है तो इनकी संख्या बढ़ेगी। इसको ध्यान में रखते हुए हमने केंद्र को पत्र लिखकर निवेदन किया था।
कूनो में दो चीतों की मौत
बता दें, मार्च में चीता साशा की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। विशेषज्ञों ने उसकी मौत किडनी इंफेक्शन की वजह से होने की बात कही थी। वहीं, 23 अप्रैल की सुबह अचानक उदय चीते का अचानक स्वास्थ्य खराब हुआ और शाम चार बजे मौत हो गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुला चीते की मौत का राज
रविवार को कूनो नेशनल पार्क में नर चीते उदय की मौत हो गई थी। सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चीते की मौत के कारणों का खुलासा हो गया है, रिपोर्ट के अनुसार कार्डियोपलमोनरी फेल होने की वजह से चीते की मौत हुई है। चीते उदय की रविवार को मौत हुई थी। वह सुबह से ही बीमार दिखाई दे रहा था, दोपहर में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मरने से पहले का उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खासा वायरल हुआ है, जिसमें वह बाड़े में चलते समय लड़खड़ाता हुआ नजर आ रहा है।बता दें, इससे पहले मादा चीता साशा की भी मौत किडनी की बीमारी से हुई थी।
कूनों में चितों की मौत का सिलसिला ऐसा चला
26 मार्च 2023: साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत- नामीबिया से लाई गई 4 साल की मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हो गई। वन विभाग ने बताया कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले ही थी। साशा की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 19 रह गई।
27 मार्च 2023: ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया
नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई।
23 अप्रैल 2023: नर चीता उदय की दिल के दौरे से मौत
साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत हो गई। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया कि चीता उदय की मौत कार्डियक आर्टरी फेल होने से हुई। मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने बताया कि हृदय धमनी में रक्त संचार रुकने के कारण चीते की मौत हुई। यह भी एक प्रकार का हार्ट अटैक है। इसके बाद कूनों में शावकों सहित चीतों की संख्या 22 रह गई।
9 मई 2023: मादा चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत
दक्षा को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। जेएस चौहान ने बताया कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरैक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद कूनों में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 रह गई।
23 मई 2023: ज्वाला के एक शावक की मौत
मादा चीते ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। जेएस चौहान ने बताया कि ये शावक जंगली परिस्थितियों में रह रहे थे। 23 मई को श्योपुर में भीषण गर्मी थी। तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस था। दिनभर गर्म हवा और लू चलती रही। ऐसे में ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी इसकी मौत की वजह हो सकती है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 20 रह गई।
25 मई 2023: ज्वाला के दो और शावकों की मौत
पहले शावक की मौत के बाद तीन अन्य को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया था। इनमें से दो और की मौत हो गई। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई है। एकमात्र बचे शावक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इसके बाद कूनो में एक शावक सहित अब 18 चीते ही बचे हैं।
11 जुलाई 2023: मेल चीता तेजस की मौत
चीते तेजस की मौत हो गई। उसकी गर्दन पर घाव था, जिसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि चीतों के आपसी संघर्ष में तेजस की जान गई है।
14 जुलाई 2023: सूरज की मौत
बताया गया कि हाल ही में तेजस और सूरज चीते के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें तेजस की गर्दन पर गहरा घाव हो गया था। इसके बाद मंगलवार को उसकी मौत हो गई। वहीं इस संघर्ष में सूरज भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसका शुक्रवार को शव मिला। इसके अलावा अग्नि नाम का चीता भी घायल है, उसके पैर में फैक्चर है।