Publish Date:03-May-2024 00:34:47
कोरोना काल ने हम सभी को गहरे जख्म दिये ... लेकिन अब ये जख्म माह अप्रैल और मई में फिर ताजा हो जाते हैं। तीन वर्ष पूर्व की बात है 2 मई को हमारे बाऊजी हमें छोड़कर चले गये। आज गुरूवार 2 मई को उनकी तीसरी पुण्य तिथि है। मई माह पास आते ही ये दु:खद पल हमारे पिता की उन यादों को ताजा करने लगते है, जो हमने उनकी छत्र छाया में जीये और उनके आर्शिवाद से इस लायक बने।
2 मई को हमारे पिता स्व. रामचन्द्र धनोतिया ( मेरे बड़े भाई प्रदीप, मैं राजेन्द्र, छोटे भाई ओम प्रकाश एवं डॉ. गोपाल) हमें छोड़ कर परलोक में चले गये थे। उनकी पुण्य तिथि पर सभी ने श्रृद्धा सुमन अर्पित किये और उनके साथ बिताये अच्छे पलों को याद किया। उनकी बहुओं श्रीमती सुभ्रदा पत्नी प्रदीप, श्रीमती वंदना पत्नी राजेन्द्र एवं श्रीमती सरिता पत्नी डॉ. गोपाल पोते- पोती श्रीमती नेहा पोरवाल, अजय, निधि सेठिया, कु. निष्ठा, सुधांशु एवं कु. नंदनी ने अपने दादा जी का पुण्य स्मरण किया।
मैंने शुरू में अप्रैल माह का जिक्र किया है। इस माह में बड़े भाई तुल्य निर्मल पिंगले उनकी माताजी तथा मई माह में मेरे परम प्रिय दोस्त भाई राजेश तिवारी (एक मई) तथा उनकी माताश्री को अप्रैल माह में खोया। सभी पुण्यात्माओं को श्रृद्धा सुमन अर्पित करता हूं। मन इतना विचलित है कि इस बार इससे ज्यादा लिखने की हिम्मत ही नहीे जुटा पा रहा हूं। ओम शांति....