18-May-2024

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एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने संभाला 26 वें नेवी चीफ का प्रभार, पैर छू लिया मां का आशीर्वाद

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नई दिल्‍ली, वॉर एक्सपर्ट एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार (30 अप्रैल, 2024) को देश के 26वें नेवी चीफ का प्रभार संभाला. वह आर हरि कुमार के रिटायर (चार दशकों के शानदार करियर के बाद) होने पर नए नौसेना प्रमुख बने हैं. एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी इससे पहले भारतीय नौसेना के उप-प्रमुख का पद संभाल रहे थे. पदभार संभालने से पहले नौसेना प्रमुख पीवीएसएम, एवीएसएम, एनएम एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्हें दिल्ली के साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. 19 अप्रैल को सरकार द्वारा एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को नौसेना प्रमुख बनाए जाने की घोषणा की गई थी. 

एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का जन्म 15 मई 1964 को हुआ था. वह मध्य प्रदेश में रीवा के सैनिक स्कूल से पढ़े हैं. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे. कम्युनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक वॉर एक्सपर्ट वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का करीब 30 साल का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है. उन्होंने भारतीय नौसेना के जहाज विनाश, किर्च और त्रिशूल की कमान भी संभाली है.
नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं. रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं. वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं. उन्हें अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और नौसेना पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है. 
नौसेना प्रमुख बनने पर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा, "नमस्कार सुप्रभात भारतीय नौसेना का छब्बीसवां नौसेना अध्यक्ष बनने पर मुझे अत्यंत गर्व और सम्मान की अनुभूति हो रही है. मुझसे पहले पच्चीस नौसेना अध्यक्षों ने अपनी कर्मठता और समर्पण से हमारी नौसेना को युद्ध तत्पर, विश्वसनीय, सुगठित और भविष्य की ताकत बनाई है. मेरा प्रयास रहेगा कि मैं भारतीय नौसेना को अधिक आत्मनिर्भर और मजबूत बनाऊं. मेरी पूरी कोशिश रहेगी भारतीय नौसेना, हमारे देश के समुद्री हित और समुद्री रक्षा दोनों पर हरदम खरी उतरे - कभी भी, कहीं भी, कैसे भी. मैं आप लोगो के द्वारा सभी भारतीयों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी नौसेना हरदम "राष्ट्र प्रथम" के मंत्र का पालन करते हुए आपके साथ खड़ी है." 
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